Laxmi Kavach in Hindi Lyrics PDF | लक्ष्मी कवचम

लक्ष्मी कवच हिंदू धर्म में धन, समृद्धि और सुरक्षा के लिए एक शक्तिशाली स्तोत्र है। यह मंत्र विशेष रूप से धन की देवी, माँ लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने और नेगेटिव एनर्जी से सुरक्षा के लिए जपा जाता है। इसके नियमित जाप से व्यक्ति के जीवन में आर्थिक स्थिरता और सुरक्षा का वातावरण बनता है।

Laxmi Kavacham in Hindi Lyrics

शुकं प्रति ब्रह्मोवाच

महालक्ष्म्याः प्रवक्ष्यामि कवचं सर्वकामदम् ।
सर्वपापप्रशमनं दुष्टव्याधिविनाशनम् ॥ १॥

ग्रहपीडाप्रशमनं ग्रहारिष्टप्रभञ्जनम् ।
दुष्टमृत्युप्रशमनं दुष्टदारिद्र्यनाशनम् ॥ २॥

पुत्रपौत्रप्रजननं विवाहप्रदमिष्टदम् ।
चोरारिहं च जपतां अखिलेप्सितदायकम् ॥ ३॥

सावधानमना भूत्वा श्रुणु त्वं शुक सत्तम ।
अनेकजन्मसंसिद्धिलभ्यं मुक्तिफलप्रदम् ॥ ४॥

धनधान्यमहाराज्यसर्वसौभाग्यकल्पकम् ।

सकृत्स्मरणमात्रेण महालक्ष्मीः प्रसीदति ॥ ५॥
क्षीराब्धिमध्ये पद्मानां कानने मणिमण्टपे ।
तन्मध्ये सुस्थितां देवीं मनीषाजनसेविताम् ॥ ६॥

सुस्नातां पुष्पसुरभिकुटिलालकबन्धनाम् ।
पूर्णेन्दुबिम्बवदनां अर्धचन्द्रललाटिकाम् ॥ ७॥

इन्दीवरेक्षणां कामकोदण्डभ्रुवमीश्वरीम् ।
तिलप्रसवसंस्पर्धिनासिकालङ्कृतां श्रियम् ॥ ८॥

कुन्दकुड्मलदन्तालिं बन्धूकाधरपल्लवाम् ।
दर्पणाकारविमलकपोलद्वितयोज्ज्वलाम् ॥ ९॥

रत्नताटङ्ककलितकर्णद्वितयसुन्दराम् ।
माङ्गल्याभरणोपेतां कम्बुकण्ठीं जगत्प्रियाम् ॥ १०॥

तारहारिमनोहारिकुचकुम्भविभूषिताम् ।
रत्नाङ्गदादिललितकरपद्मचतुष्टयाम् ॥ ११॥

कमले च सुपत्राढ्ये ह्यभयं दधतीं वरम् ।
रोमराजिकलाचारुभुग्ननाभितलोदरीम् ॥ १२॥

पत्तवस्त्रसमुद्भासिसुनितंबादिलक्षणाम् ।
काञ्चनस्तम्भविभ्राजद्वरजानूरुशोभिताम् ॥ १३॥

स्मरकाह्लिकागर्वहारिजंभां हरिप्रियाम् ।
कमठीपृष्ठसदृशपादाब्जां चन्द्रसन्निभाम् ॥ १४॥

पङ्कजोदरलावण्यसुन्दराङ्घ्रितलां श्रियम् ।
सर्वाभरणसंयुक्तां सर्वलक्षणलक्षिताम् ॥ १५॥

पितामहमहाप्रीतां नित्यतृप्तां हरिप्रियाम् ।
नित्यं कारुण्यललितां कस्तूरीलेपिताङ्गिकाम् ॥ १६॥

सर्वमन्त्रमयां लक्ष्मीं श्रुतिशास्त्रस्वरूपिणीम् ।
परब्रह्ममयां देवीं पद्मनाभकुटुंबिनीम् ।
एवं ध्यात्वा महालक्ष्मीं पठेत् तत्कवचं परम् ॥ १७॥

ध्यानम् ।
एकं न्यंच्यनतिक्षमं ममपरं चाकुंच्यपदांबुजं
मध्ये विष्टरपुण्डरीकमभयं विन्यस्तहस्ताम्बुजम् ।
त्वां पश्येम निषेदुषीमनुकलंकारुण्यकूलंकष-
स्फारापाङ्गतरङ्गमम्ब मधुरं मुग्धं मुखं बिभ्रतीम् ॥ १८॥

अथ कवचम् ।
महालक्ष्मीः शिरः पातु ललाटं मम पङ्कजा ।
कर्णे रक्षेद्रमा पातु नयने नलिनालया ॥ १९॥

नासिकामवतादंबा वाचं वाग्रूपिणी मम ।
दन्तानवतु जिह्वां श्रीरधरोष्ठं हरिप्रिया ॥ २०॥

चुबुकं पातु वरदा गलं गन्धर्वसेविता ।
वक्षः कुक्षिं करौ पायूं पृष्ठमव्याद्रमा स्वयम् ॥ २१॥

कटिमूरुद्वयं जानु जघं पातु रमा मम ।
सर्वाङ्गमिन्द्रियं प्राणान् पायादायासहारिणी ॥ २२॥

सप्तधातून् स्वयं चापि रक्तं शुक्रं मनो मम ।
ज्ञानं बुद्धिं महोत्साहं सर्वं मे पातु पङ्कजा ॥ २३॥

मया कृतं च यत्किञ्चित्तत्सर्वं पातु सेन्दिरा ।
ममायुरवतात् लक्ष्मीः भार्यां पुत्रांश्च पुत्रिका ॥ २४॥

मित्राणि पातु सततमखिलानि हरिप्रिया ।
पातकं नाशयेत् लक्ष्मीः महारिष्टं हरेद्रमा ॥ २५॥

ममारिनाशनार्थाय मायामृत्युं जयेद्बलम् ।
सर्वाभीष्टं तु मे दद्यात् पातु मां कमलालया॥ २६॥

फलश्रुतिः ।
य इदं कवचं दिव्यं रमात्मा प्रयतः पठेत् ।
सर्वसिद्धिमवाप्नोति सर्वरक्षां तु शाश्वतीम् ॥ २७॥

दीर्घायुष्मान् भवेन्नित्यं सर्वसौभाग्यकल्पकम् ।
सर्वज्ञः सर्वदर्शी च सुखदश्च शुभोज्ज्वलः ॥ २८॥

सुपुत्रो गोपतिः श्रीमान् भविष्यति न संशयः ।
तद्गृहे न भवेद्ब्रह्मन् दारिद्र्यदुरितादिकम् ॥ २९॥

नाग्निना दह्यते गेहं न चोराद्यैश्च पीड्यते ।
भूतप्रेतपिशाचाद्याः संत्रस्ता यान्ति दूरतः ॥ ३०॥

लिखित्वा स्थापयेद्यत्र तत्र सिद्धिर्भवेत् ध्रुवम् ।
नापमृत्युमवाप्नोति देहान्ते मुक्तिभाग्भवेत् ॥ ३१॥

आयुष्यं पौष्टिकं मेध्यं धान्यं दुःस्वप्ननाशनम् ।
प्रजाकरं पवित्रं च दुर्भिक्षर्तिविनाशनम् ॥ ३२॥

चित्तप्रसादजननं महामृत्युप्रशान्तिदम् ।
महारोगज्वरहरं ब्रह्महत्यादिशोधनम् ॥ ३३॥

महाधनप्रदं चैव पठितव्यं सुखार्थिभिः ।
धनार्थी धनमाप्नोति विवहार्थी लभेद्वधूम् ॥ ३४॥

विद्यार्थी लभते विद्यां पुत्रार्थी गुणवत्सुतम् ।
राज्यार्थी राज्यमाप्नोति सत्यमुक्तं मया शुक ॥ ३५॥

एतद्देव्याःप्रसादेन शुकः कवचमाप्तवान् ।
कवचानुग्रहेणैव सर्वान् कामानवाप सः ॥ ३६॥

इति लक्ष्मीकवचं ब्रह्मस्तोत्रं समाप्तम् ।

According to Hindu Mythology chanting of Laxmi Kavach regularly is the most powerful way to please Goddess Laxmi and get her blessing.

क्यों करें लक्ष्मी कवचम का जाप?

लक्ष्मी कवचम का जाप करने के पीछे मुख्य उद्देश्य है धन और सम्पत्ति की सुरक्षा। यह कवचम माँ लक्ष्मी की शक्तियों को आकर्षित करने में मदद करता है, जिससे आपके घर और व्यापार में बरकत होती है। यह व्यापारिक बाधाओं को दूर करता है और वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है।

लक्ष्मी कवचम कैसे करें?

संकल्प लेना: सबसे पहले एक शांत और पवित्र स्थान पर बैठें और मन ही मन माँ लक्ष्मी से अपने जीवन में समृद्धि और सुरक्षा की प्रार्थना करें।
पूजा की व्यवस्था: लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक जलाएं और कुछ मीठा प्रसाद रखें।
मंत्र जाप: लक्ष्मी कवचम का मंत्र निम्नलिखित है:
ॐ ह्रीं लक्ष्मीयै नमः।
ॐ ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं ॐ।
इस मंत्र को कम से कम 108 बार दोहराएं।
ध्यान और आरती: मंत्र जप के बाद, कुछ समय ध्यान करें और फिर श्री लक्ष्मी जी की आरती करें।

महत्व और विशेषताएँ

लक्ष्मी कवच के जाप से न केवल वित्तीय समृद्धि मिलती है, बल्कि यह जीवन के हर क्षेत्र में पॉजिटिव ऊर्जा का संचार करता है। यह व्यक्ति को मानसिक रूप से मजबूत बनाता है और उसे नकारात्मक विचारों और ऊर्जा से बचाता है।

लक्ष्मी कवचम एक पवित्र और शक्तिशाली मंत्र है, जो न केवल धन की सुरक्षा करता है, बल्कि जीवन के हर पहलु में सकारात्मक बदलाव लाने में मदद करता है। इसके नियमित जाप से जीवन में समृद्धि और स्थिरता आती है। आइए, हम इसे अपने धार्मिक और आध्यात्मिक अभ्यास में शामिल करें और अपने जीवन को और अधिक समृद्ध बनाएं।

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Laxmi Kavach in Tamil/Telgu/Gujrati/Marathi/English

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Lakshmi Chalisa

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